tag:blogger.com,1999:blog-75853521198680228682024-03-06T03:45:56.395+05:30तकनीकी संवादप्रशान्त प्रियदर्शी का तकनीक संबंधी संवादPDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-18962929068999547122010-07-14T00:47:00.005+05:302010-07-14T01:17:51.624+05:30What? ProvideX. OOPs!!<span style="color:#000000;font-size:104%;">जी हाँ, जैसा नाम है वैसा ही कुछ बताने भी जा रहा हूँ.. कुछ आगे लिखने से पहले ही बताना चाहूँगा कि यह पोस्ट उन लोगों के लिए है जिन्हें <span style="font-weight:bold;"><a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Object-oriented_programming">Object Oriented Programming </a></span>कि सामान्य जानकारी हो.. कोशिश करूँगा कि आने वाले दिनों में कुछ पोस्ट <span style="font-weight:bold;"><a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Object-oriented_programming">Object Oriented Programming</a> </span>पर भी डालूं..<br /><br />मैं आजकल जिस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पर काम कर रहा हूँ उसका नाम है <span style="font-weight:bold;"><a href="http://en.wikipedia.org/wiki/ProvideX">ProvideX</a></span>. इसमे <span style="font-weight:bold;"><a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Inheritance_%28object-oriented_programming%29">Inheritance </a></span>का कंसेप्ट मुझे बेहद मजेदार लगा था जिसे आपके सामने ला रहा हूँ.. हो सकता है कि किसी अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में भी यह कंसेप्ट प्रयोग में लाया जाता हो, अगर ऐसा है तो यहाँ वह जानकारी बांटने कि कोशिश करें..<br /><br />इस चित्र पर एक नजर डालें, जिसमे <span style="font-weight:bold;">CLASS A</span> एवं <span style="font-weight:bold;">CLASS B</span> को <span style="font-weight:bold;">CLASS C Inherit</span> कर रहा है :<br /><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjTUowq5EShCigH2tvO4IHqSglZiCtDISvc_kMOJMn8KGj6MkENM3ZnaZB6sWf7tVOTSs0uQBMAnqFnHZlEyGZkXCnajiniEayLJAjAwanrnk4imfJhw7pV-FT5999pBKc48RA2LZe_vSPG/s1600/ProvideX.JPG"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;width: 398px; height: 400px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjTUowq5EShCigH2tvO4IHqSglZiCtDISvc_kMOJMn8KGj6MkENM3ZnaZB6sWf7tVOTSs0uQBMAnqFnHZlEyGZkXCnajiniEayLJAjAwanrnk4imfJhw7pV-FT5999pBKc48RA2LZe_vSPG/s400/ProvideX.JPG" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5493477802141091634" /></a><br /><br />मजेदार बात अब शुरू होती है.. अब अगर हम एक <span style="font-weight:bold;">Object </span>बनाए <span style="font-weight:bold;">CLASS A </span>का तो वह <span style="font-weight:bold;">Object CLASS B </span>के भी सारे <span style="font-weight:bold;">Methods </span>एवं <span style="font-weight:bold;">Properties </span>को आराम से <span style="font-weight:bold;">Access </span>कर सकता है.. एक आम <span style="font-weight:bold;">OOP(Object Oriented Programming) </span>में यह संभव नहीं है, मगर <span style="font-weight:bold;">ProvideX </span>में इसे ही एक नयी खूबी बना कर सामने रख दिया गया है..<br /><br /><span style="color:#000099;font-size:104%;">नोट : पते कि बात यह है कि <span style="font-weight:bold;">.Net </span>में इस तरह कि कई छेड़-छाड़ की गई है और उसे <span style="font-weight:bold;">.Net</span> की खूबी कि तरह ब्रांडिंग किया गया है.. :)</span></span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-21842500578975585672010-07-08T23:44:00.017+05:302010-07-09T01:03:03.537+05:30Cloud Computing और Virtualization<span style="color:#000000;font-size:104%;">एक जमाना हुआ यहाँ कुछ लिखे हुए.. आजकल <span style="font-weight:bold;">Cloud Computing</span> सीख रहा हूँ और इत्तेफाक से अभी चंद दिन पहले ही मसिजीवी जी ने कहा कि <span style="font-weight:bold;">हिंदी ब्लॉग के गीक लोगों के लिए भी कुछ लिखो इस पर</span>.. उनकी बात कुछ जम गई, और साथ ही सोचा कि इसी बहाने मुझे भी कुछ सीखने को मिल जाएगा.. अब चूंकि अभी सीख ही रहा हूँ, सो भूल-चूक कि गुंजाइश खुला रख छोड़ा है.. कहीं कुछ भटका तो आप पाठक मुझे संभाल लेना.. <span style="font-weight:bold;">:)</span><br /><br />अगर कोई <span style="font-weight:bold;">Cloud Computing</span> की बात करे और उसमे <span style="font-weight:bold;">Hardware Virtualization</span> कि बात ना आये, यह संभव ही नहीं है.. <span style="font-weight:bold;">Hardware Virtualization</span> भौतिक अभिलक्षण(<span style="font-weight:bold;">Physical Characteristic</span>) को छुपाने की तकनीक है.. इसमे अक्सर हम एक ही <span style="font-weight:bold;">Hardware </span>को विभिन्न <span style="font-weight:bold;">Operating Systems</span> के बीच एक साथ शेयर करते हैं.. अधिक जानकारी के लिए <a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Hardware_virtualization">इस लिंक</a> को आप देख सकते हैं..<br /><br />अपने अब तक के व्यावसायिक अनुभव के आधार पर मैं यह मानता हूँ कि सबसे अधिक <span style="font-weight:bold;">Virtual PC</span>(<span style="font-weight:bold;">VPC</span> जो <span style="font-weight:bold;">Microsoft </span>का उत्पाद है) और <span style="font-weight:bold;">Virtual Box</span>(जो अभी <span style="font-weight:bold;">Oracle </span>का उत्पाद है, कुछ समय पहले या <span style="font-weight:bold;">Sun Microsystem</span> का उत्पाद हुआ करता था) का सर्वाधिक प्रयोग होता है.. दोनों कि ही अपनी अलग खूबियां है.. इन दोनों के बीच का कुछ अंतर इस पोस्ट में और कुछ आने वाले अगले पोस्ट में बताता हूँ.. इन दोनों का ही प्रयोग करते हुए आप एक साथ, एक ही <span style="font-weight:bold;">Hardware </span>का प्रयोग करते हुए, अलग-अलग <span style="font-weight:bold;">Operating System</span> पर काम कर सकते हैं.. आम तौर पर <span style="font-weight:bold;">Tester </span>द्वारा इसका प्रयोग बहुतायत में होता है..<br /><br />आज जाने <span style="font-weight:bold;">Virtual Box</span> के बारे में..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">Virtual Box :</span><br /><br /><span style="font-weight:bold;">1. </span>सबसे पहले आप इसे <a href="www.virtualbox.org/wiki/Downloads">इस लिंक</a> पर जाकर डाउनलोड कर लें..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">2. Virtual Box</span> को खोले.. आपको <span style="font-weight:bold;">"New"</span> नाम का बटन दिखेगा.. उसे दबाने से एक <span style="font-weight:bold;">Installation Wizard</span> खुलेगा, जहाँ आपसे यह पूछा जाएगा कि आप कौन सी कंपनी का और कौन सा ऑपरेटिंग सिस्टम को इंस्टाल करना चाहते हैं? यह एक प्रकार से इसकी खूबी है.. <span style="font-weight:bold;">VPC(Virtual PC)</span> में आपको सिर्फ और सिर्फ माइक्रोसाफ्ट से सम्बंधित विकल्प ही उपलब्ध रहता है.. अगर कोई दूसरा ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयोग में लाना हो तो <span style="font-weight:bold;">"Others"</span> का विकल्प भी दोनों ही साफ्टवेयर में उपलब्ध है..<br /><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi-G-6FIhZNFiaVGtu9S4CwTZPhI1kqvpg6uVulczaGzKR42RQcCGPl-0wuyzT5qu5sXQfSChffUTpysZ668lJ5Eav3vp3A5wGVxNAvqkPVNhkZJSme2mtGUUAo1gKRjZMH6gR0IF0cAZyJ/s1600/Supporting+OS.JPG"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;width: 400px; height: 300px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi-G-6FIhZNFiaVGtu9S4CwTZPhI1kqvpg6uVulczaGzKR42RQcCGPl-0wuyzT5qu5sXQfSChffUTpysZ668lJ5Eav3vp3A5wGVxNAvqkPVNhkZJSme2mtGUUAo1gKRjZMH6gR0IF0cAZyJ/s400/Supporting+OS.JPG" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5491610319626820130" /></a><br /><br />मैं यहाँ <span style="font-weight:bold;">Microsoft Windows XP</span> चुन रहा हूँ..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">3. </span>अब आगे बढ़ने पर आपको अपने नए ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए <span style="font-weight:bold;">RAM </span> का आकार चुनने के लिए कहा जाएगा.. अब यहाँ इस जगह <span style="font-weight:bold;">VPC </span>बाजी मार ले जाता है.. <span style="font-weight:bold;">Virtual Box </span>में आप अधिकतम <span style="font-weight:bold;">1500 MB RAM</span> का ही चुनाव कर सकते हैं, जबकि <span style="font-weight:bold;">VPC </span>में आपसे यह आपके पूरे <span style="font-weight:bold;">RAM </span>का आकार दिखा कर पूछता है कि आप अपने <span style="font-weight:bold;">RAM </span>के कितने हिस्से का प्रयोग करना चाहते हैं.. उदहारण के तौर पर, अगर आपके कम्प्युटर में <span style="font-weight:bold;">4GB</span> का <span style="font-weight:bold;">RAM </span>लगा है, जिसमें से आप <span style="font-weight:bold;">2GB RAM</span> अपने नए ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं तो यह <span style="font-weight:bold;">Virtual Box</span> में संभव नहीं है मगर यही काम आप <span style="font-weight:bold;">VPC </span>में आराम से कर सकते हैं..<br /><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEixIImJwNk7zB7FOEUmqsjCsIn-QJNOWJDug1ghS4V-8CQbQ3a_dZkPTrxEmpghlvopOW8BzCSJbhIfBIFwLHTPqU2i47CPnAC5XbDO714LHM8kKv-kpyVkXI0PPmV1LyRfDgcEpjtXnS09/s1600/Memory+division.JPG"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;width: 400px; height: 246px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEixIImJwNk7zB7FOEUmqsjCsIn-QJNOWJDug1ghS4V-8CQbQ3a_dZkPTrxEmpghlvopOW8BzCSJbhIfBIFwLHTPqU2i47CPnAC5XbDO714LHM8kKv-kpyVkXI0PPmV1LyRfDgcEpjtXnS09/s400/Memory+division.JPG" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5491611808708593634" /></a><br /><br />मैंने यहाँ <span style="font-weight:bold;">512 MB</span> का चुनाव किया है..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">4. </span>अब यह आपसे यह पूछेगा कि आप अपने हार्ड डिस्क के मेमोरी में से कितना मेमोरी इसके लिए देना चाहेंगे? यह आप पर निर्भर करता है कि आप कितना मेमोरी देते हैं.. <span style="font-weight:bold;">Virtual Box</span> कि अधिकतम सीमा <span style="font-weight:bold;">2TB(1 Tera Byte = 1024 GB)</span> तक ही है.. मगर <span style="font-weight:bold;">VPC </span>में आप जितना चाहे उतने तक जाता है, बस आपके पास उतना मेमोरी का हार्ड डिस्क होना चाहिए.. मगर <span style="font-weight:bold;">Virtual Box</span> कि एक खूबी <span style="font-weight:bold;">VPC </span>पर भारी पड़ती है.. <span style="font-weight:bold;">Virtual Box</span> में <span style="font-weight:bold;">Dynamically Expanding Storage</span> का विकल्प उपलब्ध है जो VPC में नहीं है.. इस सुविधा में आपका ऑपरेटिंग सिस्टम में जितना माल भरेंगे, यह उतना ही मेमोरी आपके हार्ड डिस्क में लेगा.. हाँ, मगर अधिकतम सीमा आपको ही तय करने होंगे..<br /><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiJ05gVwV-XCZ2UZxWahojI-bD0J3Jczgj3JtgOavzyk9y48IGnAEyTDp1FnU9mQQCjo38NBfbSnXiLq7wgVNkFcAZhXj41JIutNI1SO9vMG3bVOb-fvuu5iWex_FtsQkgYiuiYAvvQKLM5/s1600/HDD+Space.JPG"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;width: 400px; height: 242px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiJ05gVwV-XCZ2UZxWahojI-bD0J3Jczgj3JtgOavzyk9y48IGnAEyTDp1FnU9mQQCjo38NBfbSnXiLq7wgVNkFcAZhXj41JIutNI1SO9vMG3bVOb-fvuu5iWex_FtsQkgYiuiYAvvQKLM5/s400/HDD+Space.JPG" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5491614642463186050" /></a><br /><br />यह एक फाइल बनाएगा जिसका एक्सटेंशन <span style="font-weight:bold;">.VDI(Virtual Disk Image) </span>रहेगा..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">5. </span>अब अगले पर क्लिक करने पर आपको यह <span style="font-weight:bold;">Windows XP</span> इंस्टाल करने को तैयार मिलेगा.. <br /><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgGWvh5tV5yqotvDKqwCUh7RjF5A9VCdi3sApUcbAlD3X4K2jhzTb_uqGOJdkspvx3szsM7xLv4ShWX-bWz1vc5vtbDYScekPDTC6Pl-xQW6WcwpsMf1jND_gnyAr4uzz7RVE96hMMoAbYz/s1600/Final.JPG"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;width: 400px; height: 335px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgGWvh5tV5yqotvDKqwCUh7RjF5A9VCdi3sApUcbAlD3X4K2jhzTb_uqGOJdkspvx3szsM7xLv4ShWX-bWz1vc5vtbDYScekPDTC6Pl-xQW6WcwpsMf1jND_gnyAr4uzz7RVE96hMMoAbYz/s400/Final.JPG" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5491616290596932738" /></a><br /><br />अब सिर्फ आपको <span style="font-weight:bold;">CD Drive</span> में <span style="font-weight:bold;">Windows XP</span> का बूटेबल CD डालना है.. फिर <span style="font-weight:bold;">Virtual Box</span> में से अपने नए बनाये गए <span style="font-weight:bold;">Instance </span>को सेलेक्ट करके <span style="font-weight:bold;">"Start"</span> बटन पर क्लिक कर देना है..<br /><br /><span style="color:#000099;font-size:110%;">चलते-चलते: मेरे द्वारा बनाये गए एक बेकार से कार्टून को भी देखते जाएँ.. यह कल्पना है आज से कुछ वर्ष बाद का <span style="font-weight:bold;">:) </span>:<br /><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhXtcbv3fLQU4eSswasCXA5rwh0dnoMtgtyzWZpc2LkZxe74yHjqOwIl7NNNMIY-ID7_HYZM7ic3ObSLpgWKIzoOkqOe_SGh5yrVBmbKZTOcr9rjLGuUT4q3Gz_HKtIA-PmBjmlEna_Y9WP/s1600/Cartoon+on+Virtualization.JPG"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;width: 344px; height: 299px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhXtcbv3fLQU4eSswasCXA5rwh0dnoMtgtyzWZpc2LkZxe74yHjqOwIl7NNNMIY-ID7_HYZM7ic3ObSLpgWKIzoOkqOe_SGh5yrVBmbKZTOcr9rjLGuUT4q3Gz_HKtIA-PmBjmlEna_Y9WP/s400/Cartoon+on+Virtualization.JPG" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5491617395697555890" /></a><br /></span></span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-20504656950847113442010-02-10T13:12:00.004+05:302010-02-10T13:18:17.355+05:30अंतर्जाल में हिंदी को अभी भी कई दूरियां पाटनी हैं<span style="color:#000000;font-size:104%;">गूगल रीडर के सेटिंग का लिया हुआ यह स्नैप शॉट ही असलियत बयान कर रहा है.. मुझे कुछ कहने की जरूरत नहीं है..<br /><br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiTUZLbLBGx1uu-ApNAeC3KykdHVzisqIr_W6bdI-amMhCAwfhFqynMs0ohaR8cqVzq7ZelXcoZiJIj_3k94eJIP6RPmwBo9gR9yxsxpZU9dh2i9MBe8ZZAa4Yld8Uw58ByKxqDRAdsg6Y8/s1600-h/Google+Reader.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;width: 400px; height: 357px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiTUZLbLBGx1uu-ApNAeC3KykdHVzisqIr_W6bdI-amMhCAwfhFqynMs0ohaR8cqVzq7ZelXcoZiJIj_3k94eJIP6RPmwBo9gR9yxsxpZU9dh2i9MBe8ZZAa4Yld8Uw58ByKxqDRAdsg6Y8/s400/Google+Reader.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5436517906931235890" /></a><br /><br />वैसे कुछ दिनों पहले किसी ब्रिटिश साईट पर घूम रहा था वहां मुझे हिंदी का भी ऑप्शन मिला था, जिसे देख सुखद अनुभूति भी हुई थी.. कुल मिला कर मैं सिर्फ इतना कहना चाह रहा हूं कि हिंदी का विकास अंतर्जाल पर हो तो रहा है, मगर इसकी रफ्तार और तेज होनी चाहिये..<br /><br />अभी मैं अपने गूगल रीडर के सेटिंग को अंग्रेजी से हिंदी में करने के लिये पहूंचा तब वहां हिंदी को ना देखकर अफ़सोस हुआ.. मन के भाव को दुनिया के सामने लाने का ब्लौग से बढ़िया कोई और साधन मुझे दिखा नहीं.. इसे पोस्ट करने का मूल सबब बस इतना ही है..</span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-51478201496856741872009-08-29T18:10:00.000+05:302009-08-29T18:10:34.697+05:30ब्लौगर की कुछ नई बातेंबस अभी मैं यूं ही ब्लौगर के सेटिंग्स में भटक रहा था कि मुझे ब्लौगर के कुछ नये सेटिंग्स के बारे में पता चला.. जिसके बारे में मैं यहां बता रहा हूं.. यह ब्लौगर के पोस्ट को लिखने को लेकर है..<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgua52el6OdzLCPFeZNIxIkrJ2rRtd-k0wuvTxkIXr7y2Wo0-JDm6aYdYj0l_0DTtuxOtU3Ql3glAsYYWAWhBqH173-SpYd7nUNBNOcpbL4AJq-3ol3pfTit8Vu38d0v_cp2sE0E47JBCnT/s1600-h/1.JPG" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" lk="true" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgua52el6OdzLCPFeZNIxIkrJ2rRtd-k0wuvTxkIXr7y2Wo0-JDm6aYdYj0l_0DTtuxOtU3Ql3glAsYYWAWhBqH173-SpYd7nUNBNOcpbL4AJq-3ol3pfTit8Vu38d0v_cp2sE0E47JBCnT/s320/1.JPG" /></a></div><br />
आपको बस इतना करना होगा कि अपने ब्लौगर अकाऊंट के सेटिंग्स के बेसिक्स में जाना होगा और ऊपर दिये गये फोटो जैसे ही अपने सेटिंग्स करने होंगे.. उस तरह के सेटिंग्स करने पर आपको नीचे दिये गये चित्र कि तरह का पोस्ट लिखने वाला टेक्सट बॉक्स मिल जायेगा..<br />
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgVQ7kGo2hTrdQac3wuwgGJeKghN_syubkZQoGtykVBttZwH7bIbEraa6MBjApLQuC1rawjzgtQlruEqLF0ukdAcgLuyPvd_yjDhkijl_14eaxY1pXWlGBpnu_XOX2yVQVoYMxrhMnodQND/s1600-h/2.JPG" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" lk="true" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgVQ7kGo2hTrdQac3wuwgGJeKghN_syubkZQoGtykVBttZwH7bIbEraa6MBjApLQuC1rawjzgtQlruEqLF0ukdAcgLuyPvd_yjDhkijl_14eaxY1pXWlGBpnu_XOX2yVQVoYMxrhMnodQND/s320/2.JPG" /></a></div><br />
मेरे ख्याल से ब्लौगर के दसवें सालगिरह पर यह भी एक तोहफा उसके उपभोक्ताओं को मिला है.. :)PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-20855528876078958732009-05-28T17:08:00.002+05:302009-05-28T17:10:49.306+05:30आईये जानते हैं कोड कवरेज के बारे में<span style="color:#000000;font-size:104%;"><span style="font-weight:bold;">कुछ इतिहास कोड कवरेज का -</span><br />कोड कवरेज सामान्यतः साफ्टवेयर टेस्टिंग का एक छोटा सा हिस्सा माना जाता है, तो वहीं कई टेस्टर इस बात पर मतभेद रखते हैं कि यह डेवेलपमेंट के बाद यूनीट टेस्टिंग, मतलब डेवेलपमेंट का ही एक हिस्सा है..<br /><br />अगर साफ्वेयर इंजिनियरिंग कि किताब पलटेंगे तो हम पाते हैं कि यह <span style="font-weight:bold;">व्हाईट बाक्स टेस्टिंग</span> का एक हिस्सा है.. इस विधा कि खोज सन् 1963 मे हुआ था.. उस जमाने में आजकल के प्रोग्रामिंग भाषा कि तरह कई प्रकार के तकनीकों में विभिन्नता नहीं थी, और इसे <span style="font-weight:bold;">सिस्टेमेटिक साफ्टवेयर टेस्टिंग</span> के लिये बनाया गया था..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">कोड कवरेज क्या है -</span><br />कोड कवरेज कि मदद से हमे पता चलता है कि किसी भी साफ्टवेयर मे प्रयुक्त कितने लाईन सही-सही एग्जक्यूट हो रहे हैं, और जो एग्जक्यूट हो रहे हैं उन लाईनों में किसी प्रकार का एरर या गड़बड़ी तो नहीं है..<br /><br />इसे इस प्रकार से देखते हैं.. मान लिजिये कि किसी साफ्टवेयर को बनाने में 1000 लाईन कि कोड लिखी गई है.. हम कोड कवरेज के किसी टूल की मदद से यह जानते हैं कि सारे 1000 लाईन ठीक प्रकार से काम कर रहे हैं या नहीं?<br /><br />अब मान लेते हैं कि कोड कवरेज में 950 लाईन एग्जक्यूट हुये और उनमें कोई गड़बड़ी नहीं है, मगर शेष 50 लाईन जिसे एरर हैंडलिंग के लिये लिखा गया है, वह एग्जक्यूट नहीं हो पाये.. जिस हद तक संभव हो पाता है, उसे भी किसी प्रकार से एग्जक्यूट करने कि कोशिश की जाती है.. मगर आमतौर पर उनकी उपस्थिती को नकार कर छोड़ दिया जाता है..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">कोड कवरेज के अलग-अलग प्रकार -</span><br /><span style="font-weight:bold;">1. फंक्शनल कवरेज -</span> इसमें किसी कोड में प्रयुक्त सभी फंक्शन को एग्जक्यूट किया जाता है..<br /><span style="font-weight:bold;">2. डिसिजन कवरेज -</span> इसमें सभी प्रकार के कंडिशन को जांचा जाता है.. (उदाहरण के तौर पर <span style="font-weight:bold;">IF</span> कंडिशन)<br /><span style="font-weight:bold;">3. मॉडिफाईड कवरेज/डिसिजन कवरेज -</span> इसमें सभी प्रकार के कंडिशन के हर पहलू कि जांच की जाती है.. (उदाहरण के तौर पर <span style="font-weight:bold;">IF</span> कंडिशन के <span style="font-weight:bold;">TRUE/FALSE</span> दोनों ही कंडिशन को जांचा जाता है)<br /><span style="font-weight:bold;">4. स्टेटमेंट कवरेज -</span> इसमें सारे कोड का एग्जक्यूट होना जरूरी होता है..<br /><span style="font-weight:bold;">5. पाथ कवरेज -</span> इसमें प्रोग्राम के सभी संभव रास्तों(<span style="font-weight:bold;">Possible Routes</span>) को जांचा जाता है..<br /><span style="font-weight:bold;">6. इंट्री/एग्जिट कवरेज -</span> इसमें प्रोग्राम के सारे इंट्री और एग्जिट वाले रास्तों की जांच की जाती है..</span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-62126959961196217002009-05-27T17:01:00.001+05:302009-05-27T17:02:17.956+05:30क्या मंदी सच में खत्म होने की ओर है?<span style="color:#000000;font-size:104%;">अभी-अभी 1 घंटे पहले मेरी टीम से तीन लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.. उन्हें कहा गया है कि कल से आने कि कोई जरूरत नहीं है.. अगले महिने का वेतन उन्हें मिल जायेगा.. बस इतना ही.. वैसे तो बहुत पहले से ही इसके आसार नजर आ रहे थे, मगर निर्णय आज लिया गया है..<br /><br />मेरा प्रश्न यह है कि क्या सच में मंदी खत्म होने की ओर है या फिर बस एक हवा ही तैयार की जा रही है?</span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-81238667717639605882009-05-26T17:06:00.004+05:302009-05-26T17:09:31.143+05:30SDLC क्या है?<span style="Color:#000000;font-size:104%;">कोई भी साफ्टवेयर को पूरा करने में अलग-अलग अवस्था से गुजरना पड़ता है.. जिसे एस.डी.एल.सी.(साफ्टवेयर डेवेलपमेंट लाईफ साईकिल) कहते हैं.. इसमें प्रमुख हैं -<br /><br /><span style="font-weight:bold;">1. साफ्टवेयर कान्सेप्ट -</span> इसमें किसी भी साफ्टवेयर कि जरूरत क्यों है, इसे वर्णित किया जाता है..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">2. रीक्वार्मेंट अनालिसिस -</span> इसमें अंत में उस साफ्टवेयर को प्रयोग में लाने वाले यूजर कि जरूरत के बारे में बताया जाता है..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">3. आर्किटेकच्ररल डिजाईन -</span> इसमें उस साफ्टवेयर का ब्लू प्रिंट बनाया जाता है, जिसमें पूरे सिस्टम को बनाने से संबंधित जानकारी होती है..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">4. कोडिंग और डिबगिंग -</span> किसी भी साफ्टवेयर को बनाने के लिये प्रोग्राम लिखने का काम इस भाग में होता है.. <br /><br /><span style="font-weight:bold;">5. सिस्टम टेस्टिंग -</span> इस भाग में पूरे सिस्टम के क्रियाकलापों को जांचा जाता है.. अगर सिस्टम इस चरण में पास नहीं हो पाता है तो उसे वापस कोडिंग और डिबगिंग के लिये भेज दिया जाता है..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">कुछ मजेदार तथ्य -</span><br />जो व्यक्ति एस.डी.एल.सी. के इन चरणों कि जानकारी नहीं रखते हैं उनके मुताबिक कोडिंग और डिबगिंग किसी भी साफ्टवेयर को बनाने कि प्रक्रिया में लगने वाला सर्वाधिक समय लेता है, जबकी असल में यह आमतौर पर किसी साफ्टवेयर को बनाने कि प्रक्रिया में 25-35% समय ही कोडिंग और डिबगिंग को दिया जाता है.. सर्वाधिक समय अनालिसिस और डिजाईन को दिया जाता है..</span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-1343584982413921712009-04-28T17:37:00.003+05:302009-04-28T17:42:48.022+05:30शैडो रिसोर्स या बिलेबल - एक साफ्टवेयर प्रोफेशनल की व्यथा<span style="color:#000000;font-size:104%;">आपसे आई.टी.कंपनियों कि सच्चाई की चर्चा करने से पहले मैं आपको आई.टी. प्रोफेशन में प्रयोग में आने वाले इन दो शब्दों कि व्याख्या कर दूं..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">बिलेबल रिसोर्स -</span> एक ऐसा कर्मचारी जिसका परिचय क्लाइंट के सामने दिया गया हो और जिसके बारे में क्लाइंट जानता हो कि यह महाशय मेरे लिये काम करते हैं.. क्लाइंट के साथ सारी डील इसी आधार पर होता है कि कितने लोग उसके लिये काम करते हैं और कितने दिनों तक करते रहेंगे..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">शैडो रिसोर्स -</span> एक ऐसा कर्मचारी जिसका परिचय क्लाइंट के सामने नहीं दिया गया हो, और वह परदे के पीछे रहकर भी क्लाइंट के लिये काम करता हो.. <br /><br />एक उदाहरण के साथ समझते हैं, इससे कंपनी को फायदा यह होता है कि वह क्लाइंट को दिखाती है कि 3 लोग मिलकर 4 लोगों का काम कर रही है.. जबकी असल में होता यह है कि 3 लोगों को तो क्लाइंट के सामने रखा जाता है और 2 लोग <span style="font-weight:bold;">शैडो</span> बनकर काम करते हैं.. मतलब 5 लोग मिलकर 4 लोगों का काम करती होती है.. जबकी कंपनी अपने कर्मचारी को जरूरत से ज्यादा कार्य में निपुण दिखा कर क्लाइंट से अच्छा सौदा करते हैं और बिलकुल नये और तुरत कालेज से पास होकर आये लड़के/लड़कियों को <span style="font-weight:bold;">शैडो</span> बना कर, उन्हें बहुत कम पैसे देकर, उनसे भी बिलेबल रिसोर्स जितना ही या कहें तो उससे ज्यादा ही काम लेते हैं..<br /><br />चलिये <span style="font-weight:bold;">शैडो रिसोर्स</span> का एक और नियम बताता हूं.. आमतौर पर हर प्रोजेक्ट और हर टीम में एक <span style="font-weight:bold;">शैडो रिसोर्स</span> होता है और यह बात क्लाइंट को भी पता होता है.. और शैडो रिसोर्स उसी को बनाया जाता है जिसके पास अनुभव कम हो और काम करने की क्षमता भी कम ही हो.. अब अगर कंपनी के नियम के मुताबिक देखेंगे तो <span style="font-weight:bold;">शैडो रिसोर्स</span> तभी काम करता है जब असली रिसोर्स छुट्टी पर होता है.. <br /><br />अब इसे ऐसे देखते हैं.. एक <span style="font-weight:bold;">बिलेबल रिसोर्स</span> पहले दिन ऑफिस आया और अप्ना काम आधा करके आधा अगले दिन के लिये छोड़ दिया.. अगले दिन वह बीमार हो गया और उसने छुट्टी ले ली.. अब अगले दिन <span style="font-weight:bold;">शैडो रिसोर्स</span> को वह आधा काम खत्म करना होगा.. अब ऐसे में, एक आधा-अधूरा काम को उसे समझने में ही अधिक समय निकल जाता है और यह नब्बे प्रतिशत संभव है कि वह उस दिन उस काम को खत्म नहीं कर सकता है.. और अगर वह उसे खत्म नहीं करता है तो प्रबंधन का दबाव भी झेलना होता है, जो मेरे हिसाब से कहीं से भी सही नहीं है.. <span style="font-weight:bold;">शैडो रिसोर्स</span> हमेशा ही बेचारों सी हालत में रहता है.. <br /><br /><span style="color:#000099;font-size:104%;"><span style="font-weight:bold;">मैं खुद भी इसका भुक्तभोगी रह चुका हूं.. यह लेख मैंने मंदी को ध्यान में रखकर नहीं लिखा गया है.. ऐसा हमेशा चलता रहता है, चाहे मंदी हो या ना हो..</span></span></span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-26831764949585880062009-04-21T18:06:00.002+05:302009-04-21T18:07:34.859+05:30मंदी की शिकार मेरी एक और मित्र<span style="color:#000000;font-size:104%;"><span style="font-weight:bold;">अभी-अभी</span> मुझे मेरी एक मित्र ने एस.एम.एस. किया कि उसने कल अपना त्यागपत्र दे दिया जिसे आज स्वीकार कर लिया गया.. हम एक साथ ही इस कंपनी में ज्वाईन किये थे और ट्रेनिंग के समय हमारी मित्रता शुरू हुई थी.. मैंने उसे तुरत फोन किया और कारण जानना चाहा.. पहले मुझे लगा था कि शायद उसकी शादी तय हो गई होगी इसलिये वह नौकरी छोड़ रही है, मगर उसने बताया कि वह जिस प्रोजेक्ट में थी वह प्रोजेक्ट बंद हो गया थ और् वह पिछले 2-3 महिने से बेंच पर थी.. जिस कारण वह बेहद डिप्रेशन का शिकार हो गई थी और साथ ही साथ मैनेजमेंट द्वारा उस पर बेवजह का दबाव भी बनाया जा रहा था.. अंततः उसने नौकरी से त्यागपत्र देना ही उचित समझा.. <br /><br /><span style="font-weight:bold;">मेरी </span>कंपनी में लोगों को मंदी के कारण निकालने की घटना मैंने अभी तक तो नहीं सुनी है, मगर नौकरी तो जा रही है.. चाहे उसे कोई भी रूप-रंग दे दिया गया हो..</span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-72260650891699904052009-04-21T12:57:00.005+05:302009-04-21T13:03:15.043+05:30ओरेकल ने सन की कीमत 7.4 बिलीयन डॉलर लगाई<span style="color:#000000;font-size:104%;">20 अप्रैल कि खबर है यह, जब <a href="http://studio-5.financialcontent.com/prnews?Page=Quote&Ticker=ORCL">ओरेकल</a> ने <a href="(http://studio-5.financialcontent.com/prnews?Page=Quote&Ticker=JAVA)">सन माईक्रोसिस्टम</a> को आई.टी. जगत के अब तक के सबसे बड़े सौदों में से एक सौदे में खरीद लिया.. ओरैकल ने सन के प्रत्येक शेयर का भाव $9.50 लगाया है..<br /><br />अधिक जानकारी के लिये आप इस <a href="http://news.prnewswire.com/DisplayReleaseContent.aspx?ACCT=104&STORY=/www/story/04-20-2009/0005008591&EDATE=">लिंक</a> पर जा सकते हैं..<br /><br />आपको याद होगा जब माईक्रोसॉफ्ट ने याहू को खरीदने कि बात की थी तब व्यवसाट जगत में कितना हल्ला-गुल्ला होने के बाद वह सौदा नहीं हो पाया था.. मगर यह कोलैब्रेशन बिना किसी शोर-शराबे के साथ सम्पन्न होकर सभी को चौंका दिया है..</span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-15727213471786218792009-04-20T20:36:00.002+05:302009-04-20T20:38:35.149+05:30मंदी के दौर में इस्तीफा देने वाले की मानसिक हालात क्या हो सकते हैं?<span style="color:#000000;font-size:104%;"><span style="font-weight:bold;">आज </span>मेरे सामने ही देखते-देखते एक व्यक्ति ने अपना इस्तीफा पकड़ा दिया.. मेरी ही टीम का बंदा था.. उसके पास कोई और विकल्प भी नहीं था जिससे वह खुशी-खुशी अपना इस्तीफा दे सके और कहीं दुसरी जगह अच्छे पद पर जा सके.. बहुत कम बोलने वाले व्यक्ति थे, मगर मुझसे दिल खोल कर बातें किया करते थे.. जब से उन्होंने इस्तीफा दिया है तब से मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई है, उनकी लगातार पिछले 6-7 घंटों से मीटींग ही चल रही है एच.आर. वालों के साथ..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">मैं </span>तभी से बस यही सोच रहा हूं कि ऐसी आर्थिक मंदी के दौर में जहां किसी के पास कोई और विकल्प नहीं हो, जो बहुत ज्यादा तेज-तर्रार(स्मार्ट) ना हो.. वो किन मानसिक हालातों में नौकरी से त्यागपत्र दे सकता है? कुछ उत्तर तो मैं खुद भी समझ सकता हूं, जैसे उन पर मैनेजमेंट का बहुत ज्यादा दबाव आ रहा था अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिये.. जिसे वह सह नहीं सके होंगे.. बाकी का कुछ पता नहीं.. कहीं यह भी कहीं ना कहीं से आर्थिक मंदी के शिकार होकर ही तो इस्तीफा देकर तो नहीं जा रहे हैं? क्योंकि अगर आर्थिक मंदी का दौर ना होता तो शायद मैनेजमेंट भी उनके ऊपर इतना दबाव कभी नहीं बनाता..</span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-54838797136531695712009-04-16T15:41:00.004+05:302009-04-16T15:52:17.564+05:30आई.टी. एवं तकनीक<span style="color:#000000;font-size:#104%;"><span style="font-weight:bold;">मेरा</span> यह चिट्ठा काफी समय से निष्क्रीय बना हुआ है.. मैंने कई बार सोचा भी कि इसे सक्रीय करूं मगर समयाभाव और कई बार अन्य कारणों से सोची हुई बातें संभव नहीं हो पाती है और मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.. मैं <a href="http://prashant7aug.blogspot.com/">"मेरी छोटी सी दुनिया"</a> पर लिखना नहीं छोड़ सकता, और यदा-कदा <a href="http://comics-diwane.blogspot.com/">"हम बड़े नहीं होंगे, कामिक्स जिंदाबाद"</a> पर भी सक्रीय रहता हूं.. अब ऐसे में लगातार तीन चिट्ठों पर लिखना एक कामकाजी व्यक्ति के लिये असंभव सा ही है..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">इस</span> बीच कई अन्य तकनीक से संबंधित चिट्ठों का आगमन हुआ और उन्होंने बहुत बढ़िया काम भी किया, जिसमें से एक आशीष खंडेलवाल जी का <a href="http://tips-hindi.blogspot.com/">चिट्ठा</a> उल्लेखनीय है.. अब ऐसे में जब इस चिट्ठे को भी सक्रीय करना है और साथ ही कुछ अलग भी पेश करना हो तो कुछ अलग लिखना ही होगा.. इसी सोच ने मुझे प्रेरित किया कि इस चिट्ठे के विषय में थोड़ा सा बदलाव कर दिया जाये जिससे यह भी सक्रीय बना रहे..<br /><br /><span style="font-weight:bold;">आगे</span> से आपको इस चिट्ठे पर आई.टी. जगत की व्यवसायिक खबर और व्यक्तिगत अनुभव के साथ ही समय-समय पर तकनीकी ज्ञान भी मिलते रहेंगे.. तो आपका क्या कहना है मेरे इस आईडिया पर? अगर आपके पास भी ऐसे कुछ अनुभव हों तो उसे हमसे बांटना ना भूलें.. :)</span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-26144049356026727252008-05-01T17:41:00.006+05:302008-05-01T18:10:36.769+05:30First Program in 'C' Languageमुझे कभी समझ नहीं आया की किसी भी कंप्यूटर भाषा को सिखाते समय पहला प्रोग्राम 'Hello World!' का क्यों होता है.. खैर मैं भी इसी परंपरा को जारी रखते हुए बिना किसी तामझाम के शुरुवात करता हूँ.. मुझे किसी भी कम्प्यूटर भाषा को सीखते समय उससे संबंधित पिछला इतिहास पढना बहुत बोझिल लगता है, और सबसे बड़ी बात ये है की आपको अपने पूरे जीवन में वो इतिहास कभी काम नहीं आने वाला है सो मैं उसे अभी छोड़कर आगे बढ़ रहा हूँ.. हाँ आगे किसी अंक में उसकी जानकारी भी देता जाऊंगा..<br /><br />किसी भी 'C' Program में कम से कम एक Function तो जरूर होता है.. और अगर किसी प्रोग्राम में कोई भी Function नहीं दिखाई दे रहा है तो वो 'main() Function ' ही एकमात्र Function है.. Function क्या होता है इसके बारे में आगे चर्चा करेंगे.. चलिए अभी देखते हैं पहले Program को..<br /><br /><strong>main()<br />{<br /> printf("Hello World!");<br />}</strong><br /><br />इस Program में दो Function का प्रयोग किया गया है..<br />1. main() function.<br />2. printf() function.<br /><br />main() Function किसी भी 'C' Program को Execute या Run कराने के लिए जिम्मेवार होता है और printf() Function किसी भी Output को कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है.. <br /><br />यहाँ जिस प्रोग्राम को मैंने लिखा है उसका Output कुछ ऐसा आएगा..<br /><strong>Hello World!</strong><br /><br /><span style="color:#990000;">नोट : कुछ नेट संबंधी समस्या के कारण मैं 'C' Language का कैसे और किस Compiler पर प्रयोग में लायें, ये नहीं बता पा रहा हूँ.. मगर जल्द ही अगले किसी अंक में मैं आपको इससे संबंधित जानकारी दूंगा..</span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com33tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-71039038666240558122008-04-29T17:55:00.007+05:302008-04-29T18:30:02.752+05:30'C' Language, My First Love<strong>मैं</strong> आज से एक ॠंखला शुरू करने की सोची है जिसे मैं पहला प्यार कहता हूं.. यह एक ऐसा विषय है जो शायद किसी ब्लौगिये के काम की नहीं है.. यहां हिंदी ब्लौगिंग में या तो ऐसे लोग हैं जिन्हें कंप्यूटर बेसिक प्रोग्रामिंग से कोई मतलब नहीं है(जैसे पत्रकार या कोई समाजसेवी या फिर कोई और) क्योंकि अगर प्रोग्रामिंग इंटरनेट से संबंधित हो तो शायद वे पढें भी या फिर कंप्यूटर के ऐसे धाकड़ लोग हैं जिनके लिये ये बच्चों का खेल होगा.. आज के समय में यह एक ऐसी भाषा है जो सारे भाषाओं की जननी है.. मैं 'C' भाषा और पॉसकल भाषा को अभी भी सर्वोत्तम मानता हूं क्योंकि अगर किसी ने इन दोनों भाषाओं में से किसी एक में भी अपनी पकर मजबूत कर ली तो उन्हें किसी भी अन्य भाषा सिखने में कभी परेशानी नहीं आने वाली है.. <br /><br /><strong>मेरे</strong> लिये ये वो चीज है की जब ये मेरे सामने आता है तो मैं बस दिवाना हो जाता हूं.. जिसके लिये मैं भूख प्यास सब कुछ भूल जाता हूं.. मुझे अभी भी वो दिन याद है जब मैं इसके पीछे इस कदर दिवानों की तरह भागता था की मुझे सपनों में भी इसकी प्रोग्रामिंग दिखती थी.. ना जाने मैंने कितने ही ऐसे प्रोग्राम के लाजिक सपनों में देखी है जिसे मैं जगे में नहीं बना पाता था.. और जैसे ही मुझे वो लॉजिक दिखता था बस उसी समय रात के 2-3 बजे उठकर कंप्यूटर ऑन करके बैठ जाता था.. घर में मम्मी परेशान हो चुकी थी कि ऐसे तो ये अपनी तबियत ही खराब कर बैठेगा.. <strong>:)</strong> ना जाने मैंने कितनी ही रातें खराब की है इसके पीछे जिसे मैं गिन भी नहीं सकता..<br /><br /><strong>आप</strong> सोच रहें होंगे की अगर ये हिंदी ब्लौगिंग में किसी के काम का नहीं है तो फिर इसे लिखने का क्या मतलब हो सकता है.. तो इसका कारण है कि मैं ना तो कोई हिट्स पाने के लिये इसे लिखना चाहता हूं और ना ही प्रसिद्धि पाने के लिये.. आप इसे इस तरह से देख सकते हैं जैसे आप अपने पहले प्यार को सरे आम बाजार में खड़ा नहीं देख सकते हैं.. मुझे इसे लिखने के पीछे कोई पैसा बनाना भी कारण नहीं है इसलिये मैंने सबसे पहले गूगल एडसेंस इस चिट्ठे से हटाया है.. जब ये ॠंखला खत्म हो जायेगी तब फिर से इसे लगा दूंगा..<br /><br /><strong>हो</strong> सकता है कि कल हिंदी इतनी प्रसिद्ध हो जाये की इस <strong>'C' Language</strong> को सिखने के लिये हिंदी में लोग सर्च करने लगें और तब शायद किसी कंप्यूटर के छात्र के ये काम आ जाये.. मैं पिछले <strong>8 </strong>सालों से इस भाषा के पीछे दिवाना हूं और मेरी भरसक कोशिश यही रहेगी की मैं इसे आप तक अपने पूरे अनुभव को निचोर कर पहूंचा सकूं..<br /><br /><strong>एक</strong> बात और कहना चाहूंगा.. अगर कोई मेरे इस चिट्ठे पर कोई 'C' के प्रोग्राम का डिमांड करेंगे तो मैं यथा संभव उनको उत्तर देने की कोशिश करूंगा मगर मैं शत-प्रतिशत का दावा नहीं करता हूं.. क्योंकि इस भाषा की जड़ इतनी मजबूत है कि कोई अपनी सारी उम्र बस इस एक भाषा को ही सिखने में बिता सकता है.. और वैसे भी इस भाषा की लगभग सभी तरह के प्रोग्राम अपने पूरे कोड के साथ नेट पर उपलब्ध है बस आपको सर्च करने की जरूरत है.. आप इसमें कोई सा भी प्रोग्राम बना सकते हैं.. चाहें तो बिसनेस टूल डेवेलप कर लें या किसी के पूरे नेटवर्क को ही क्रैश करने का साफ्टवेयर बना डालें.. चाहें तो एक एंटीवायरस प्रोग्राम लिख डालें या फिर कोई ऐसा वायरस बना डालें जो किसी भी एंटीवायरस प्रोग्राम के पकर में ना आये.. या फिर कोई छोटा सा मजेदार सा प्रोग्राम ही लिख डालें या <strong>Low-Level Programming </strong>ही कर डालें..PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com13tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-26092762715116212122008-04-01T20:31:00.003+05:302008-04-01T21:17:33.493+05:30औरकुट अकाउंट हैकींग<p><span style="color:#000000;">मेरी नजर में इंटरनेट पर जो सबसे आसान काम है वो है हैकींग करना और उसमें भी औरकुट अकाउंट की तो बात ही निराली है.. चारों तरफ आपको उसमें सुरक्षा छिद्र दिख जायेंगे.. मेरे आज के इस लेख का ये मकसद नहीं है की आपको मैं औरकुट अकाउंट हैकींग सिखाऊं.. बल्कि लोगों में अपने अकाउंट बचाव को लेकर जागरुकता फैलाना ही एकमात्र कारण है..<br /><br />पहले मैं और्कुट किसी नशे की तरह करता था(जैसे आजकल ब्लौगिंग कर रहा हूं <strong>:)</strong>) और उस समय और्कुट के लगभग सारे सुरक्षा छिद्रों के बारे में जान गया था.. कुछ अपने ही फेक अकाऊंट बना कर मैं उसे ट्रायल तौर पर हैक भी किया था.. अभी लगभग 1 साल बाद फिर से मैं और्कुट पर फिर से सक्रिय हुआ तो पाया की इसमें पहले वाले बहुत से सुरक्षा छिद्र भर चुके हैं और उनके जगह पर नये छिद्र दिख रहे हैं.. ये भी पाया की कुछ लोग मेरा अकाऊंट हैक करने की जीतोड़ कोशिश में लगे हुये हैं.. वे सभी मेरे मित्रों में से ही थे सो मैंने उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया.. साधारनतया और्कुट पर जो भी हैकींग की शिकायते आती हैं वो तुरत वापस भी ले लिया जाता है क्योंकि शिकायतकर्ता पाते हैं कि उनके अपने ही मित्र बस मस्ती-मजाक के लिये उसे हैक किये होते हैं.. वैसा कुछ मेरे साथ भी हो रहा था..<br /><br />बहुत दिनों के बाद मैं जब अपने और्कुट के कूकीज से छेड़-छाड़ कर रहा था तो पाया की कुछ खास आई पी से उसमें छेड़-छाड़ हुआ है और उसी आई पी को ट्रेस करने पर मैंने उन लोगों का पता लगाया.. वैसे मैं वो ट्रिक तो नहीं बताने वाला हूं क्योंकि अगर आपको वो बता दिया तो थोड़ी सी मेहनत और करके आप कोई भी अकाउंट हैक कर सकते हैं, जो कानून के विपरीत होगा..<br /><br />हां मगर आपको मैं कुछ साधारन से उपाय जरूर बताना चाहूंगा जिससे आपके अकाउंट को भी कोई जल्दी हैक ना कर पाये..<br /><br />1. आप अपना पासवर्ड थोड़ा कठीन सा रखें.. जैसे <strong>'a'</strong> के जगह पर <strong>'@'</strong> और <strong>'s'</strong> के जगह पर <strong>'$'</strong> लिखें..<br /><br />2. अपने पासवर्ड की लंबाई कम-से-कम 8 अक्षरों का तो रखें ही..<br /><br />3. अपने इंटरनेट कूकी को हर दिन एक बार तो डिलीट करें ही..<br /><br />4. किसी भी अपरिचित लिंक पर क्लिक ना करें, ये आपके कूकी को Access कर सकता है या वायरस भेज सकता है..<br /><br />मैं एक साफ्टवेयर विशेषज्ञ होने के नाते बस एक ही बात जानता हूं की आप किसी से चैट करते हैं या मेल करते हैं और ये सोचते हैं की ये आपकी समाग्री बिलकुल सुरक्षित है तो आपका सोचना बिलकुल गलत है.. अभी कुछ दिन पहले की बात है, मैं <a href="http://www.blogger.com/profile/02829772451053595246">अनिता जी</a> से चैट कर रहा था.. बात चलते-चलते कुछ व्यक्तिगत बाते होने लगी, जो मुझे उन्हें बताने में तो कोई आपत्ती तो नहीं थी मगर मैं ये बाते नेट पर नहीं कर सकता हूं.. क्योंकि मुझे पता है की ये सुरक्षित नहीं है.. शायद उन्हें कुछ अच्छा भी ना लगा हो की मैंने अचानक से चुप क्यों हो गया था..<br /><br /><br />अभी कल ही <a href="http://www.blogger.com/profile/08360043006024019346">अल्पना जी</a> ने मेरे ब्लौग पर एक कमेंट में पूछा था की कोई ऐसी तकनीक बतायें जिससे कोई नेट पर से फोटो कापी ना कर सके.. उनके लिये भी मैं यही कहूंगा की नेट पर कुछ भी सुरक्षित नहीं है.. अगर कोई कापी ना कर सका तो प्रिंट स्क्रीन लेकर ही उसे सेव कर सकता है..<br /><a href="http://pdtechtalk.blogspot.com/2008/01/blog-post_08.html">मेरे इस पोस्ट से संबंधित पुराना पोस्ट पढना ना भूलें..</a></span></p>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-26424391228144930482008-02-06T17:14:00.000+05:302008-02-06T17:23:24.542+05:30एक से ज्यादा जीटाक पर एकसाथ लाग इन करेंक्या आपके पास एक से ज्यादा गूगल एकाउन्ट है और क्या आप चाहते हैं की उन सभी पर एक साथ लाग इन करें? मगर एक बार में एक ही जीटक खुलता है? मैं आ गया हूं इसका समाधान लेकर।<br /><br /><strong>स्टेप 1 -</strong><br />सबसे पहले जीटक के सार्टकट पर जायें और राईट क्लिक करके उसके प्रोपर्टी पर जाईये। (याद रखें आप भविष्य में बस इसी सार्टकट से एक से ज्यादा जीटक खोल सकते हैं)<br /><br /><strong>स्टेप 2 -</strong><br />अब <strong>Target </strong>में जायें जहां ऐसा कुछ लिखा होगा, <strong>"C:\Program Files\Google\Google Talk\googletalk.exe"</strong><br /><br /><strong>स्टेप 3 -</strong><br />अब Target में "-nomutex" जोड़ दें जिससे वो ऐसा कुछ दिखने लगेगा।<br />"C:\Program Files\Google\Google Talk\googletalk.exe" -nomutex<br />ठीक वैसा ही जैसा की चित्र में दिखाया गया है।<br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgdTyE_mAqdpv-rxzX59t47uzYpF34ztlejf-pHD1ozBEQ2Jcd4NHIP5ZUL0ZlUz3fxnBJiADe2teObkO_z_KtJq2pDhfepz5NB4uq8bx4g__z5-UScMVoo7Xfpy8k7_1l787N9Ldb09r-l/s1600-h/gtalk.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgdTyE_mAqdpv-rxzX59t47uzYpF34ztlejf-pHD1ozBEQ2Jcd4NHIP5ZUL0ZlUz3fxnBJiADe2teObkO_z_KtJq2pDhfepz5NB4uq8bx4g__z5-UScMVoo7Xfpy8k7_1l787N9Ldb09r-l/s400/gtalk.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5163833380055040610" /></a><br /><strong>स्टेप 4 -</strong><br />बस अब इसे OK करके बाहर आ जायें और जितना चाहें उतना जीटाक खोल कर एक साथ आन लाइन हो जाईये।<br /><br /><span style="color:#aa0000;">कल मैं लेकर आउंगा याहू मेसेंजर का एक से ज्यादा इन्सटांस कैसे बनायें, यानी की एक से ज्यादा याहू मेसेंजर कैसे खोलें।</span>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com9tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-59346375457396354902008-01-17T16:54:00.000+05:302008-01-17T16:55:25.452+05:30हिंदी में लिखने का मेरा औजार<p><span style="color:#000000;">अभी थोड़ी देर पहले मैंने भड़ास पर एक पोस्ट देखी जिसमें पूछा गया था की अगर आप कोई और तरीके से हिंदी में लिखते हैं तो अपना ज्ञान यहां बांटे। और मैं लेकर आ गया अपना तरीका। जिसका प्रयोग करके मैं पिछले 2-3 सालों से हिंदी में लिख रहा हूं।<br /><br />आप इस पते पर जायें। <a href="http://www.classifieds.co.in/hindi.html">http://www.classifieds.co.in/hindi.html</a> यहां आपको ये टूल मिल जायेगा। मैनें ये पहली बार और्कुट के एक कम्यूनिटी, जिसका नाम हिंदी कविता है, उस पर पाया था।<br /><br />मुझे ये अत्याधिक पसंद है और मेरे लगभग हर पोस्ट में कहीं ना कहीं से मैंने इसका प्रयोग कर रखा है। और वो भी तब जबकि मैं गूगल का, डायरेक्ट फोनेटिक टूल का और हिंदी यूनीकोड फोनेटिक टूलकिट का प्रयोग करना अच्छे से जानता हूं।<br /><br />इसके कई कारण हो सकते हैं, पहला तो ये कि जब कोई भी टूल उपलब्ध नहीं था लगभग तभी से मैं इसका प्रयोग कर रहा हूं और मुझे इसकी आदत पर चुकी है और मैं परिवर्तन नहीं चाहता हूं।<br />दूसरा कारण ये है कि हम आनलाईन रहें या आफ़लाईन इससे कोई फर्क नहीं परता है और ये बिलकुल सही-सही काम करता है। गूगल जैसा नहीं जो सिर्फ आनलाईन रहने पर ही काम करता है।<br />तीसरा कारण ये कि गूगल की ही तरह आप रोमण में लिखते हैं और ये हिंदी में उसे बदल देता है और इसमें लिखने का तरीका भी बहुत आसान है। और ये जिस समय का टूल है उस समय ऐसे टूल बहुत ही कम उपलब्ध थे।<br /><br />मेरी आप लोगों से सलाह है कि अगर आपने कभी इसे नहीं आजमाया है तो एक बार आप भी इसे आजमा कर देख लें।</span></p>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-40265594872458714072008-01-09T17:38:00.000+05:302008-01-09T17:50:11.785+05:30RUN कमांड Vista पर नहीं दिख रहा है क्या?<p><span style="color:#000000;">क्या आपको <strong>Windows-Vista </strong>पर <strong>RUN </strong>कमांड <strong>Start </strong>मेनू में नहीं दिख रहा है और आप चाहते हैं कि वो दिखे? चलिये मैं आपको आज बताता हूं कि RUN कमांड को आप कैसे अवतरित करेंगे अपने <strong>Vista </strong>के <strong>Start </strong>मेनू में।<br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEieheC3bOifMCfIzZyHhEk02Tzoll5LOnG1RPtQkgXM2XRjgDJDIPuMqUXmYg9p1MVKFC8_1AEPODmOsb7cKKs0SNxJy6dyIXnN5aZ2ioyXNXbw9KkyNCKnEz3rHFIadZT1KU_daq9j0za2/s1600-h/RUN.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEieheC3bOifMCfIzZyHhEk02Tzoll5LOnG1RPtQkgXM2XRjgDJDIPuMqUXmYg9p1MVKFC8_1AEPODmOsb7cKKs0SNxJy6dyIXnN5aZ2ioyXNXbw9KkyNCKnEz3rHFIadZT1KU_daq9j0za2/s400/RUN.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5153448346712172482" /></a><br /><strong>चरण 1 :</strong><br />क्लिक <strong>Start -> Control Panel</strong><br /><br /><strong>चरण 2 :</strong><br />क्लिक <strong>Taskbar and Start Menu Properties -> Start Menu</strong><br /><br /><strong>चरण 3 :</strong><br />क्लिक <strong>Start menu -> Customize...</strong><br /><br /><strong>चरण 4 :</strong><br /><strong>Run Command </strong>का आप्सन ढूंढिये और उस चेक बाक्स को चेक कर दें।<br /><br /><strong>चरण 5 :</strong><br />अब सारे सेटिंगस को सुरक्षित कर लें।<br /><br />अब देखिये आपका <strong>RUN </strong>कमांड आपको अपने <strong>Start </strong>मेनू में दिखाई दे रहा होगा।</span></p>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-74377619044374927302008-01-08T19:16:00.000+05:302008-01-08T19:17:30.105+05:30असम वाले नोयडा से एक व्यक्ति ने मेरा ब्लौग देखाआज मैं लेकर आया हूं उन साइटों के बारे में जो आपको, उन लोगों के जो आपके ब्लौग पर आये थे, सही IP Address दिखाने के दावे तो बड़े-बड़े करते हैं पर कई जानकारीयां गलत देते हैं। और हम उनसे उपलब्ध जानकारीयों को सही मान करके कई बार दूसरों से उलझ जाया करते हैं।<br /><br />आप इस चित्र पर एक नजर डालें और देखें कि किस प्रकार ये मुझे बता रहा है कि नोयडा असम में है।<br /><a href="http://3.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R4N9V5oaZ7I/AAAAAAAAB_M/Ss-gdCvJsQM/s1600-h/statcounter+view.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="http://3.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R4N9V5oaZ7I/AAAAAAAAB_M/Ss-gdCvJsQM/s400/statcounter+view.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5153100213843027890" /></a><br />इस चित्र में नोयडा को असम में बताने वाली जानकारी को मैंने लाल रंग से घेर रखा है। एक और जिसे मैने लाल रंग से घेर रखा है उसका कोई आपेरेटिंग सिस्टम ही नहीं दिख रहा है।<br /><br />एक जिसे मैंने लाल रंग से चौकोर आकार में घेर रखा है उसका तो IP Address ही नहीं दिखा रहा है। वैसे मेरे कंप्यूटर का सर्वर भी उसी स्थान में है जहां का ये दिखा रहा है, पर मैंने आज एक बार भी www.blogvani.com से अपने ब्लौग को नहीं देखा है और मुझे अपने सर्वर का IP Address भी पता है।<br /><br />अगर कोई हैं जो मुझे इसका कारण समझा सकते हैं तो कृपया बतायें। मुझे इसका तकनीकी पक्ष जानने की बहुत उत्सुकता है।PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-13594967083092706312008-01-08T14:32:00.000+05:302008-01-08T15:29:42.027+05:30इंटरनेट के महत्वपूर्ण खतरे<p><span style="color:#000000;">अगर आप इंटरनेट का प्रयोग करते समय कोई भी चीज कॉपी करने के लिये <strong>ctrl+c </strong>का प्रयोग करते हैं तो आप इंटरनेट की आभासी दुनिया में सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं।<br /><br />कैसे?? चलिये मैं आपको बताता हूं।<br /><br />पहले आप <strong>ctrl+c </strong>का प्रयोग करते हुये कुछ कॉपी कर लें, और फिर इस लिंक पर जायें - <a href="http://www.sourcecodesworld.com/special/clipboard.asp">http://www.sourcecodesworld.com/special/clipboard.asp</a><br /><br />आप पायेंगे कि आपके द्वारा कॉपी किया गया TEXT इस साइट के द्वारा अनुग्रहीत किया जा रहा है। सो आगे से कभी भी इंटरनेट पर घूमते हुये आप इन सब बातों का ख्याल जरूर रखें।<br />1) कभी भी अपने <strong>Password </strong>को कॉपी ना करें..<br />2) <strong>क्रेडिट कार्ड </strong>का नम्बर कभी भी कॉपी ना करें..<br />3) कोई भी महत्वपूर्ण <strong>PIN </strong>नम्बर इत्यादी को कॉपी ना करें..<br /><br /><strong>ASP</strong> और <strong>Java Script </strong>के द्वारा कहीं से भी इस तरह के प्रोग्राम लिखे जा सकते हैं जो आपको क्षति पहूंचा सकती है और इसके Java Script का कोड बहुत ही साधारण है जिसे कोई भी थोड़ा बहुत Java Script जानने वाला लिख सकता है। उसका एक सैम्पल कोड यहां है :<br /><strong>[script language="JavaScrip t"] var content = clipboardData. getData(" Text"); alert(content) ; [/script]</strong><br />(यहां <> इसके बदले मैं [] इसका प्रयोग कर रहा हूं, क्योंकि <> प्रयोग करने पर ब्लौग इसे स्क्रिप्ट समझ कर उसे नहीं दिखा रहा है।)<br /><br />अगर आप इंटरनेट एक्सप्लोरर को प्रयोग में लाते हैं तो आप इस सेटिंग के द्वारा अपना बचाव कर सकते हैं।<br /><strong>चरण 1 :</strong><br />Tools -> Internet Options<br /><br /><strong>चरण 2 :</strong><br />Security -> Custom Level...<br /><br /><strong>चरण 3 :</strong><br />Scripting -> Allow Programmatic clipboard access<br />अब इसे <strong>Disable</strong> करके आप अपने सारे सेटिंगस को सुरक्षित कर लें।<br /><br />इतना करने के बाद भी आपको अपनी सुरक्षा का ध्यान खुद रखना होगा।</span></p>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-85840787472892110342008-01-06T15:01:00.000+05:302008-01-06T15:26:59.954+05:30बिना HUB और SWITCH के दो कंप्यूटर का LAN बनायें<p><span style="color:#000000;">चलिये आज मैं आपको लेकर चलता हूं LAN कि दुनिया में। एक छोटा सा लोकल एरिया नेटवर्क बनाने के लिये साधारनतया SWITCH या फिर HUB कि जरूरत होती है, लेकिन अगर आप बस दो कंप्यूटर को आपस में जोड़ना चाहते हैं तो आपको उन सब चीजों की जरूरत नहीं है।<br /><br />दो कंप्यूटर के बीच LAN बनाने के लिये जरूरत का सामान :<br />- दो कंप्यूटर जिसमें LAN कार्ड हो.<br />- सही लम्बाई वाला LAN वायर। ये LAN वायर आपको किसी भी कंप्यूटर हार्डवेयर के दूकान से मिल जायेगा। वहां जाकर आपको बोलना होगा कि आपको दो कंप्यूटर को जोड़ना है और उसके लिये आपको LAN वायर चाहिये, नहीं तो वो आपको HUB या SWITCH वाला LAN वायर दे देगा।<br />- Windows XP वाला आपेरेटिंग सिस्टम।<br /><br /><strong>चरण 1 :</strong><br />अपने दोनों कंप्यूटर को आपस में LAN वायर द्वारा जोड़ लें।<br /><br /><strong>आगे का चरण आपको बारी-बारी से दोनों कंप्यूटर पर पूरा करना होगा।</strong><br /><br /><strong>चरण 2 :</strong><br />आप कंट्रोल पैनल में चले जायें।<br /><br /><strong>चरण 3 :</strong><br />वहां से आप NETWORK CONNECTIONS में चले जायें। वहां आपको Local Area Connection मिलेगा जिसका चित्र कुछ ऐसा होगा :<br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjZXCU080kL_BXRoFQkez7dsnNPERZyALYJfFTgug7srXqDc2OLPOk-ePOp02DuXO1jPyZbPPXbl3yjnw-JkILSZEeAYSHNv-gcfc5UTl4d19uPKm2KGG_AN1fZmzziZhy5C-YDEERuII-_/s1600-h/LAN+conn.JPG"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjZXCU080kL_BXRoFQkez7dsnNPERZyALYJfFTgug7srXqDc2OLPOk-ePOp02DuXO1jPyZbPPXbl3yjnw-JkILSZEeAYSHNv-gcfc5UTl4d19uPKm2KGG_AN1fZmzziZhy5C-YDEERuII-_/s400/LAN+conn.JPG" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5152296114360837986" /></a><br />उसे राइट क्लिक करके Enable कर दें।<br /><br /><strong>चरण 4 :</strong><br />अब आप Local Area Connection पर राईट क्लिक कर लें और Properties पर चले जायें। अब आपको ये चित्र मिलेगा :<br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhexJ-6XIMytfqV_wyoO2zQsuHZSK1h2CI5jgePrhE5E9Fp_1kuisQhiLRKZqaW1D_LLOX7A3i7imTdsVJvKuWgTYoJeEezC46a4YppubupTIZaaX60UmVqsMF3MFJOIfvCvkKfvVRprFIq/s1600-h/LAN+Property.JPG"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhexJ-6XIMytfqV_wyoO2zQsuHZSK1h2CI5jgePrhE5E9Fp_1kuisQhiLRKZqaW1D_LLOX7A3i7imTdsVJvKuWgTYoJeEezC46a4YppubupTIZaaX60UmVqsMF3MFJOIfvCvkKfvVRprFIq/s400/LAN+Property.JPG" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5152297347016451954" /></a><br />अब इसमें आप Internet Protocol(TCP/IP) को सेलेक्ट करके Properties पर क्लिक कर लें (जैसा कि चित्र में लाल निशान से बताया गया है)।<br /><br /><strong>चरण 5 :</strong><br />अब आप Use the following IP address वाले रेडियो बटन पर क्लिक कर लें और IP Address में 192.xxx.xxx.xxx जैसा कुछ भी भर दें। यहां IP Address कई तरह के होते हैं जिसके बारे में मैं बाद में कभी चर्चा करूंगा।<br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjIvbdEj_z2WXcdX1daZExmEIcXuJwLblR_GsF1y9yL2K3720007K76DQWtPudRx3_ZBe9RUinwPhPDV54XPdPQ16eyJezJ5PD5Fpms1rtU0csVhUrU71e2g_uC1FDqKvWpNJD3kQ-NA9WF/s1600-h/TCP+IP+Property.JPG"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjIvbdEj_z2WXcdX1daZExmEIcXuJwLblR_GsF1y9yL2K3720007K76DQWtPudRx3_ZBe9RUinwPhPDV54XPdPQ16eyJezJ5PD5Fpms1rtU0csVhUrU71e2g_uC1FDqKvWpNJD3kQ-NA9WF/s400/TCP+IP+Property.JPG" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5152298407873374082" /></a><br />अगर आप दो कंप्यूटर के बीच नेटवर्क बना रहें हैं तो सुरक्षित IP Address पहले कंप्यूटर का 192.168.32.1 रखें और दूसरे कंप्यूटर का 192.168.32.2 रखें। इससे ज्यादा आपको जरूरत ही नहीं है।<br /><br /><strong>चरण 6 :</strong><br />अब आप दोनों डायलौग बौक्स के OK पर क्लिक कर दें।<br /><br /><span style="color:#990000;">मैं अगले पोस्ट में लेकर आऊंगा कि कैसे आप दोनों कंप्यूटर के डेटा को LAN के द्वारा शेयर कर सकते हैं।</span></span></p>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-65094184068710680452008-01-04T17:25:00.001+05:302008-01-04T17:25:42.095+05:30जी-मेल देखें आउटलुक पर<p><span style="color:#000000;">आज मैं लेकर आया हूं कि कैसे हम आउटलुक में अपने जी-मेल को देख सकते हैं। इसके लिये नीचे दिये इन स्टेप्स को मानते हुये चलें और आउटलुक पर अपने जी-मेल की सुविधा का लाभ उठायें।<br /><br />सबसे पहले मैं ये स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैंने इसे आउटलुक 2007 को ध्यान में रख कर लिखा है। पर इसमें ज्यादा परेशानी कि कोई बात नहीं ह, बस आप्सन को चुनते समय आपको ये ध्यान में रखना होगा कि आप सही चुनाव कर रहे होंगे।<br /><br /><strong>स्टेप I.</strong><br />सबसे पहले अपने जी-मेल अकाउंट पर लागइन करें। फिर अपने सेटिंग में जायें और अपने सेटिंगस को इस चित्र के अनुसार कर लें। इसमें दिये गये POP3 और IMAPI वाले आप्सन्स को जैसा चित्र में दिखाया गया है वैसे ही सेलेक्ट कर लें।<br /><a href="http://3.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34aZJoaZwI/AAAAAAAAB80/9IzV4oC_v1k/s1600-h/step+0+for+gmail.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="http://3.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34aZJoaZwI/AAAAAAAAB80/9IzV4oC_v1k/s400/step+0+for+gmail.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5151584043142899458" /></a><br /><br /><strong>स्टेप II.</strong><br />अब आप टूल में जाकर अकाउंट सेटिंग पर चटखा दबा दें। इससे आपको ये डायलौग बौक्स मिलेगा।<br /><a href="http://1.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34a4poaZxI/AAAAAAAAB88/gIU5u-n6qfA/s1600-h/step+1.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="http://1.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34a4poaZxI/AAAAAAAAB88/gIU5u-n6qfA/s400/step+1.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5151584584308778770" /></a><br />इसमें आप <span style="color:#990000;">New...</span> पर क्लिक करें जिसे मैंने लाल रंग से घेर रखा है।<br /><br /><strong>स्टेप III.</strong><br />अब आप इस चेक बाक्स को सेलेक्ट कर लें जिसे मैंने लाल रंग से घेर रखा है और आगे जाने के लिये नेक्सट पर क्लिक कर दें।<br /><a href="http://1.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34bupoaZyI/AAAAAAAAB9E/szPc2VrOCRs/s1600-h/step+2.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="http://1.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34bupoaZyI/AAAAAAAAB9E/szPc2VrOCRs/s400/step+2.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5151585512021714722" /></a><br /><br /><strong>स्टेप IV.</strong><br />अब आप Internet E-mail को सेलेक्ट कर लें जिसे मैंने लाल रंग से घेर रखा है और नेक्सट पर क्लिक कर आगे बढ जायें।<br /><a href="http://3.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34cMJoaZzI/AAAAAAAAB9M/rlKDw4u3D1A/s1600-h/step+3.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="http://3.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34cMJoaZzI/AAAAAAAAB9M/rlKDw4u3D1A/s400/step+3.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5151586018827855666" /></a><br /><br /><strong>स्टेप V.</strong><br />अब आप अपना नाम और जी-मेल पता लिख दें।<br /><strong>Incoming mail server </strong>में <strong>pop.gmail.com </strong>लिख दें और <br /><strong>Outgoing mail server(SMTP) </strong>में <strong>smtp.gmail.com </strong>लिख दें<br />अब अपना यूजर नेम और कोडवर्ड लिख दें और More settings, जिसे मैंने लाल रंग से घेर रखा है उस पर क्लिक कर दें।<br /><a href="http://1.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34dKpoaZ0I/AAAAAAAAB9U/CckRKiPC09E/s1600-h/step+4.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="http://1.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34dKpoaZ0I/AAAAAAAAB9U/CckRKiPC09E/s400/step+4.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5151587092569679682" /></a><br /><br /><strong>स्टेप VI.</strong><br />अब इस नये डायलौग बाक्स में Advance में जाकर चित्रानुसार <strong>Incoming Server(POP3)</strong> में <strong>995</strong> भर दें और <strong>Outgoing Server (SMTP)</strong> में <strong>465</strong> भर दें। अब <strong>This server requires an encrypted connection (SSL) </strong>को चेक कर दें। अब <strong>OK </strong>पर क्लिक कर लें।<br /><a href="http://2.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34eG5oaZ1I/AAAAAAAAB9c/EVip6JkO9Sg/s1600-h/step+5.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="http://2.bp.blogspot.com/_mWumljFJslc/R34eG5oaZ1I/AAAAAAAAB9c/EVip6JkO9Sg/s400/step+5.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5151588127656798034" /></a><br /><br /><span style="color:#009900;">अब आपका आउटलुक जी-मेल के साथ काम करने के लिये तैयार है। अगर आपको कोई परेशानी का सामना करना पर रहा है तो आप मुझे अपना प्रश्न भेजें, मैं यथासंभव उसे हल करने का प्रयास करूंगा।</span></span></p>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-12382354661121106882008-01-03T14:03:00.000+05:302008-01-03T14:21:39.235+05:30ई-मेल सेवा तरह-तरह के<p><span style="color:#000000;">आज मैं लेकर आया हूं तरह-तरह के ई-मेल सेवाओं के बारे में। ऐसे तो कई तरह के ई-मेल सेवा होती है और उन सबके बारे में एक ही पोस्ट में लिखना उचित नहीं होगा सो आज मैं बस तीन मुख्य सेवाओं के बारे में ही बातें करूंगा।<br /><br /><strong><a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Webmail">वेब आधारित ई-मेल</a></strong><br />वेब आधारित ई-मेल में हम अपना ई-मेल वेब ब्राउसर की सहायता से देखते हैं। इसमें हम अपनी चिट्ठी वेब ब्राउसर से ही प्राप्त करते हैं और उसी से भेजते भी हैं।<br /><br /><a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Post_Office_Protocol"><strong>POP3 ई-मेल सेवा </strong></a><br />POP का पूरा नाम पोस्ट आफिस प्रोटोकौल होता है। POP3 ई-मेल सेवा में हमारा ई-मेल किसी रिमोट सर्वर में जाकर सुरक्षित हो जाता है। हमलोग उस सर्वर से किसी भी समय जुड़ कर अपना ई-मेल डाउनलोड कर सकते हैं। ऐसा करने के लिये हम जिस साफ्टवेयर का प्रयोग करते हैं उसे हम ई-मेल क्लाइंट साफ्टवेयर कहते हैं। आजकल मुख्य तौर पर LOTUS NOTES और Outlok प्रयोग में लाया जाता है।<br /><br /><a href="http://en.wikipedia.org/wiki/Internet_Message_Access_Protocol"><strong>IMAP ई-मेल सेवा </strong></a><br />IMAP ई-मेल सेवा हमें बहुत ही नियंत्रित ढंग से सेवा प्रदत्त करता है। IMAP इ-मेल भी POP3 की तरह ही काम करता है मगर IMAP ई-मेल के द्वारा हम किसी खास ई-मेल को अलग से डाउनलोड भी कर सकते हैं। IMAP ई-मेल में हम अपने मेल का विषय देख सकते हैं और जिस मेल की हमें जरूरत होगी बस उसे ही हम डाउनलोड कर सकते हैं। IMAP हमें इसका अधिकार देता है कि हम अपने मेल फोल्डर और लोकल कंप्यूटर को संकालन(Synchronize) कर सकें। इसका फायदा यह होता है कि हम जहां कहीं से भी अपने इ-मेल को लागइन करते हैं, हमें हमेशा एक जैसा ही सेटिंग दिखाई देता है।</span></p>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-7585352119868022868.post-86226012406059486362008-01-02T16:15:00.000+05:302008-01-02T17:07:18.582+05:30गूगल का डूडल<p><span style="color:#000000";>अगर आपने पहली जनवरी को गूगल खोला होगा तो आपको ये लोगो जरूर दिखा होगा जिसमें लिखा हुआ था "Happy New Year & 25 years of TCP/IP"। ये गूगल कि खूबी है कि वो लगभग हर देश के त्योहारों और दुनिया के महत्वपूर्ण दिनों पर नजर जमाये बैठा रहता है और वो दिन आते ही उस पर अपना एक डूडल चिपका डालता है। 25 years of TCP/IP के बारे में ज्यादा जानने के लिये <a href="http://january-1-tcp-ip-123.blogspot.com/">यहां</a> चटखा लगायें।<br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQyy5v-v9wrrGLSswH-u5UAk6QyH6zLchKsSJK5xfn1S4LXKMFPTeE6G3fLgjIMkFGuwblG6f9oZnArTh1avjJ9P25Na-8MwprdLanbSgBGqz107ncHe7Z9qhBjIl5dtHKo7b9E7b9E7ks/s1600-h/google+doodle.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQyy5v-v9wrrGLSswH-u5UAk6QyH6zLchKsSJK5xfn1S4LXKMFPTeE6G3fLgjIMkFGuwblG6f9oZnArTh1avjJ9P25Na-8MwprdLanbSgBGqz107ncHe7Z9qhBjIl5dtHKo7b9E7b9E7ks/s400/google+doodle.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5150839463317497506" /></a><br />सबसे पहले हम जानते हैं कि ये डूडल आखिर है क्या? गूगल का जो लोगो www.google.com पर दिखता है उसे ही गूगल डूडल कहता है।<br /><br />इसकी शुरूवात कहां से हुई? सन 1998 में सर्जे ब्रिन नामक व्यक्ति ने इसे सबसे पहले GIMP नामक साफ्टवेयर का प्रयोग करके बनाया था और इसके शुरूवाती दिनों के डूडल कुछ इस प्रकार हैं।<br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhW0WFi5FyszGAVxq5lcFtQCKMmsNO7L-jbHS8I00KM8xQXRy7y76edOTpClPn4epwkKc6N1i30AbMl2XZJogapFCs6yCP8dtZ5f4dcXwFRVGlxJQ-cU7FbOUUyWMrWZzLCwaZ3_FuoU_0O/s1600-h/doodle.jpg"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhW0WFi5FyszGAVxq5lcFtQCKMmsNO7L-jbHS8I00KM8xQXRy7y76edOTpClPn4epwkKc6N1i30AbMl2XZJogapFCs6yCP8dtZ5f4dcXwFRVGlxJQ-cU7FbOUUyWMrWZzLCwaZ3_FuoU_0O/s400/doodle.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5150840086087755442" /></a><br /><span style="color:#990000;">विकिपिडिया से लिया गया</span><br /><br />इसमें से विस्मयकारी चिन्ह वाला डूडल याहू के लोगो से प्रेरित था।<br /><br />आजकल डेनिस हांग(Dennis Hwang) नामक व्यक्ति डूडल बनाने कि जिम्मेवारी संभाल रहे हैं और इनका मुख्य काम उत्सव संबंधी गूगल के लिये लोगो बनाने का है। इन्होंने पहला डूडल 15 जुलाई 2000 को लैरी पेज (Larry Page) और सर्गे ब्रिन(Sergey Brin) के अनुरोध पर बनाया था।<br /><br /><strong>Doodle4Google</strong><br />Doodle4Google नाम से ब्रिटेन में एक प्रतियोगिता भी होती है जिसमें 5 साल से 16 साल तक के बच्चे भाग लेते हैं। और इसके पुरस्कार में गूगलप्लेक्स कैलिफ़ोर्निया घूमने का मौका मिलता है। और एक दिन के लिये उनका बनाया हुआ डूडल ब्रिटेन वाले गूगल के साईट पर दिखता है।<br /><br />मैंने भी अपने इस ब्लौग के लिये गूगल जैसा ही डूडल बनाया है अब आप ही बतायें कि ये कैसा है? :D<br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZYw1J4eNYEaIkOylDdQSNzyc2Djk4jA9olc7yaozwLT-IaMp-55QcDgEdiMB_FGZT1VYjQ8pEZf-sjXIrEDIQDkUScp2irpCfbTu1z3sdi2txWCamUiMW8GQzbdhBZ2VUSgjGvh1ocAi2/s1600-h/PgDr%2520rTgercbhy%2520yTgablrkg.gif"><img style="display:block; margin:0px auto 10px; text-align:center;cursor:pointer; cursor:hand;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZYw1J4eNYEaIkOylDdQSNzyc2Djk4jA9olc7yaozwLT-IaMp-55QcDgEdiMB_FGZT1VYjQ8pEZf-sjXIrEDIQDkUScp2irpCfbTu1z3sdi2txWCamUiMW8GQzbdhBZ2VUSgjGvh1ocAi2/s400/PgDr%2520rTgercbhy%2520yTgablrkg.gif" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5150841696700491458" /></a>PDhttp://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com8