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वैसे कुछ दिनों पहले किसी ब्रिटिश साईट पर घूम रहा था वहां मुझे हिंदी का भी ऑप्शन मिला था, जिसे देख सुखद अनुभूति भी हुई थी.. कुल मिला कर मैं सिर्फ इतना कहना चाह रहा हूं कि हिंदी का विकास अंतर्जाल पर हो तो रहा है, मगर इसकी रफ्तार और तेज होनी चाहिये..
अभी मैं अपने गूगल रीडर के सेटिंग को अंग्रेजी से हिंदी में करने के लिये पहूंचा तब वहां हिंदी को ना देखकर अफ़सोस हुआ.. मन के भाव को दुनिया के सामने लाने का ब्लौग से बढ़िया कोई और साधन मुझे दिखा नहीं.. इसे पोस्ट करने का मूल सबब बस इतना ही है..