अभी-अभी 1 घंटे पहले मेरी टीम से तीन लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.. उन्हें कहा गया है कि कल से आने कि कोई जरूरत नहीं है.. अगले महिने का वेतन उन्हें मिल जायेगा.. बस इतना ही.. वैसे तो बहुत पहले से ही इसके आसार नजर आ रहे थे, मगर निर्णय आज लिया गया है..
मेरा प्रश्न यह है कि क्या सच में मंदी खत्म होने की ओर है या फिर बस एक हवा ही तैयार की जा रही है?
11 comments:
यह मंदी यदि इतनी जल्दी समाप्त हो जाती है तो यह एक सुखद आश्चर्य होगा। लेकिन इस से राहत की साँस न लें। अगली मंदी बहुत शीघ्र इस के पीछे चिपकी चली आ रही है।
उद्योगों के प्रबंधन मंदी की हवा का लाभ उठाने के भी चक्कर में हैं। कुछ लोगों को बाहर का रास्ता दिखा देने से मौजूद रह गए कर्मचारियों का तेल निकाल कर काम लेने की सुविधा जो मिल जाती है।
द्विवेदी जी की टिप्पणी को ही मेरी भी टिप्पणी माना जाये… एकदम सहमत… एक झूठी हवा बनाई जा रही है ताकि फ़िर से लोगों को शेयर बाजार में उलझाया जा सके…
मै भी दिनेश जी से इत्तेफाक रखता हूँ..
मंदी में कभी मंदी नहीं आती क्या?
mandi to mandi hai
kuchh iska fayda utha rahe hain
काश, ऐसा ही हो।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
मेरा मानना है कि मंदी आती नहीं लायी जाती है। बल्कि यूँ कहें जो कुछ धनाढ़्य वर्गों की सोची समझी साजिश तहत योजनाबद्ध ढ़ंग से आर्टीफिशियल क्राइसिस पैदा किया जाता है। शेष तो भाई दिनेश जी लिख ही दिये हैं।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
बिल्कुल मंदी का दर्द दिखाकर तो कंपनियां फ़ायदा उठा रही हैं।
श्यामल जी और दिवेदी जी की बात को मिला कर कहा जाये तो
मंदी आती नहीं लायी जाती है। बल्कि यूँ कहें जो कुछ धनाढ़्य वर्गों की सोची समझी साजिश तहत योजनाबद्ध ढ़ंग से आर्टीफिशियल क्राइसिस पैदा किया जाता है। उद्योगों के प्रबंधन को मंदी की हवा का लाभ उठा कर लोगों को बाहर का रास्ता दिखा देने से मौजूद रह गए कर्मचारियों का तेल निकाल कर काम लेने की सुविधा मिल जाती है।
वैसे इन लिंक पर नज़र डाल कर पता लगाया जा सकता हि कि मंदी की बातें फिलहाल कितनी झूठी हैं
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/4273371.cms
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jammuandkashmir/4_10_5322709.html
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_5393865_1.html
अभी सही मायने में मंदी आई कहाँ है, अभी तो आ रही है. जिस दिन इस घोषणाकर्ताओं, याने जो एनालिसस करके बताते हैं मंदी का हाल, को भी बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा, उस दिन सही मायने में मंदी आ गई मानना..उसके बाद मंदी जाने की बात करेंगे.ओके.
मैं इन सबमें एक बात और जोड़ना चाहूंगा जो मैं कल भूल गया था..
"मुझे इस टीम में आज से 1.5 साल पहले जिस कारण वश लाया गया था, कल वही कारण बता कर उन तीनों को बाहर किया गया है.."
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